उत्तराखंड के केदारनाथ बद्रीनाथ मंदिर को देखकर हर कोई मंत्र मुक्त हो जाता है इस धाम में पहुंचकर ही मानो सारे पापों से मुक्ति मिल जाती हो इस मंदिर का संचालन देखरेख यात्रियों की भीड़ बढ़ने पर उसकी सहूलियत सभी की देखरेख का काम मंदिर समिति का होता है मंदिर समिति आए दिन कुछ ना कुछ नए-नए कार्य से जरूर करती है जिससे मंदिर की मर्यादा बनी रहे. इसके साथ ही मंदिर समिति समय-समय पर ऐसे मामलों पर भी ध्यान देती है जो मंदिर या यहां की धार्मिक आस्था के खिलाफ होते हैं
बीते दो सालों में जिस तरह के कार्य बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के तत्वाधान में हो रहे हैं इसका असर और उसकी तस्वीर मंदिर के आसपास साफ दिखाई दे रही है मंदिर का चढ़ावा हो या मंदिर के साफ सफाई की व्यवस्था भक्तों के रुकने पूजा अर्चना और ज्ञान की व्यवस्था हो या फिर मर्यादा का पालन करवाना बद्रीनाथ और केदारनाथ की व्यवस्थाओं को लेकर यहां आने वाला भक्ति बेहद प्रसन्न नजर आ रहा है. मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय कहते हैं हमारी कोशिश यही है कि यहां आने वाला भक्ति प्रसन्न होकर जाए कुछ लोग यहां पर व्यवस्थाएं बिगड़ने का काम करते हैं हम उनको नजरअंदाज करके मंदिर की मर्यादा और यहां की व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाने की दिन रात कोशिश कर रहे हैं उत्तराखंड की सरकार जिस तरह से मंदिरों की व्यवस्थाओं पर ध्यान दे रही है और खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रेम उत्तराखंड से जिस तरह से नजर आता है उसका असर इन चार धामों में भी दिखाई दे रहा है आज केदारनाथ में पहुंचने वाला हर भक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पुष्कर सिंह धामी का शुक्रिया कर रहा है. मेरी यही कोशिश है कि जिस तरह के कार्य मंदिर समिति के तत्वाधान में संपन्न हो रहे हैं और जो कुछ भी हम बेहतर बदलाव के लिए कर रहे हैं उनका परिणाम आज नहीं तो कल और अधिक दिखाई देने लगेगा.
उत्तराखंड में भले ही बारिश और भूस्खलन की वजह से कैसे भी हालात बने हो लेकिन यह चार धाम मंदिर की व्यवस्था और सरकार की तैयारी ही है कि अब तक लगभग 37 लाख से अधिक पहुंच गई है अकेले केदारनाथ में ही 12 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे हैंजबकि बद्रीनाथ में यह आंकड़ा भी 10 लाख से ऊपर पहुंच गया है हम इस बार भी यात्रियों की संख्या के रिकॉर्ड टूटे हुए देखेंगे